चोवा राम "बादल" के लावणी छंद
समाचार पत्र
समाचार ला पढ़े करव जी, एमा ज्ञान भरे रहिथे ।
कहाँ कहाँ जी काय होय हे, खबरी कोन काय कहिथे ।1।
कहाँ घटे हावय दुर्घटना , अनहोनी होइस कइसे ।
एला पढ़े पता चल जाथे ,आगू मा होइच जइसे ।2।
कविता के रस लेवव भाई , किस्सा लेख पढ़व संगी ।
रथे हिरोइन के फोटू जी , खबर सिनेमा बहुरंगी ।3।
शादी के विज्ञापन रहिथे , अता पता दुनियादारी ।
राजनीति के चर्चा रहिथे , शासन भासन के चारी ।4।
पढ़ई लिखई लइका मन के, आंदोलन धरना रैली ।
भ्रष्टाचार कहाँ होवत हे , कोन भरत हावय थैली।5।
पानी बादर धूँका गर्रा , नदिया के बाढ़े पूरा ।
अइसन खबर घलो मिल जाथे , भागिन कब टूरी टूरा ।6।
बलत्कार अउ लूट डकैंती , मारपीट झगरा झंझट ।
आतंकी मन के जी लफड़ा , नक्सल के भारी कंझट ।7।
पत्र पत्रिका ज्ञान बढ़ाथे , हवय महत्तम गा भारी ।
रोज पढ़व जी ध्यान लगाके , झन करहू गा लाचारी ।8।
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